रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के पांचवे दिन सदन में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य के 4 जिला शिक्षा अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा की है। विभाग द्वारा बिना टेंडर के 36 करोड़ की खरीदी के कारण सूरजपुर के तत्कालीन डीईओ विनोद राय, मुंगेली के तत्कालीन डीईओ पी एस अल्मा, बस्तर के तत्कालीन डीईओ प्रमोद ठाकुर और तत्कालीन डीईओ राजेश मिश्रा निलंबित किया गया है। विधानसभा में धरम लाल कौशिक ने मामला उठाया था।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने शिक्षा विभाग द्वारा बिना टेंडर के सीधे क्रय किए जाने का मामला प्रश्नकाल में उठाया। मामले में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्वीकार किया कि पांच जिलों में नियमानुसार कोरोना काल के समय खरीदी की गई है, इसकी जांच के बाद कार्रवाई की गई है।
धरमलाल कौशिक ने मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया था, नियम विरूद्ध 50 करोड़ खरीदी की गई थी, उन्होंने उन्होंने इस मामले की विधानसभा की कमेटी से जांच कराए जाने की मांग की।
इस पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्वीकार की कोरोना कल के समय कलेक्टर की अनुमति से यह खरीदी की गई थी करीब 36 करोड रुपए की खरीदी की गई है उन्होंने यह भी स्वीकार की इसमें भंडारण क्रय नियम का पालन नहीं किया गया था उसकी जांच की गई थी, एक जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड किया गया है दो पर जांच चल रही है बचे हुए 4 जिलों के शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया गया है। मंत्री ने सूरजपुर ,मुंगेली, बस्तर ,बीजापुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड करने की घोषणा की है।