रायपुर। छत्तीसगढ़ में जनता बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है. आये दिन कही न कही घटना घट रही है. इस घटना का मुख्य कारण नशा है.पुलिस क्यों खामोश बैठी है समझ से बहार है. खुले आम शराब और गांजे बेचे जा रहे है. इसका जिम्मेदार तो पुलिस प्रशासन ही है. दरसअल पुलिस प्रशसान को अधिकार मिला हुआ है कि ऐसे सौदागरों को सबक सिखाने का. पर सलखो में नहीं सौदागर खुले आम नशीली पदार्थ का वितरण करते नजर आते है.
बताया जा रहा है कि राजधानी में अपराध का ग्राफ बढ़ते ही जा रहा है. इसका मुख्य कारण नशा है. ऐसा कोई इलाका नहीं होगा जहा वयक्ति नशा करने के बाद घटना को अंजाम नहीं देता होगा। बात दे कि कई इलाके में शाम होते ही घर की महिलाएं बहार निकले के लिए सोचती है. दरसअल इसका कारण नशा है. चौक- चौराहे में युवक नशा करते बैठे रहते है और आने- जाने वालो से छेड़छाड़ करते रहते है.
इसकी शिकायत जब थाने में किया जाता है। तो पुलिस द्वारा अपराध दर्ज कर जेल भी भेजा जाता है. पर जेल से छूट जाने के बाद नशे के हालत में पार्थी को धमकी दिया जाता है. जिसे डर कर दुबारा नशा खोरों के ऊपर आवाज उठाने के लिए सोचना पड़ता है. पुलिस प्रशासन चाहे तो इनका लगाम कस सकती है. पर हाथ में- हाथ धरे बैठे रहती है. ऐसा क्यों? क्या किसी अधिकारी या नेता- मंत्री का दबाव होता है ?