रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में क्राइम नहीं कम होने का नाम ले रहा है. हर आये दिन कही न कही वारदात होते ही रहता है.जिसके चलते कई लोग अपनी जान गवा रहे है. लोगो का घर से बाहर निकला मुश्किल हो गया है.
ऐसे में हम दोषी किसको ठहराए शासन या पुलिस प्रशासन ? बता दे कि ऐसे ही कल रात मठपुरैना इलाके के टिकरापारा क्षेत्र में देर रात पुरानी रंजिश के चलते युवक की हत्या कर दी गई है. आरोपियों के हौसले इतने बुलंद हो गए है की पुलिस नाम का डर ही ख़त्म हो चूका है.
आरोपी खुद को पुलिस समझने लगा है। इसका कारण भी पुलिस प्रशासन है. दरअसल थाने पहुंचते ही आरोपी पुलिस को रिश्वत देकर धारा कम करवा लेता है. और छोटे धारा लगवाकर आरोपी कोर्ट से छूट जाता है. फिर वही आरोपी कोर्ट से छूट जाने के बाद पुराने अंदाज में आकर घटना को अंजाम देते है.
पुलिस प्रशासन हर एक चौक-चौराहे में खड़े रहे तो शायद थोड़ा क्राइम रुक सकता है. लेकिन प्रशासन का ध्यान इस ओर बिलकुल नहीं है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो छत्तीसगढ़ एक दिन क्राइमगढ़ बनते देर नहीं लगेगी।