ज्योतिष : हिंदू धर्म में कई सारे व्रत होते हैं और सभी अपना महत्व रखते हैं लेकिन छठ पूजा को बहुत ही खास माना जाता है जो कि सबसे बड़े त्योहार के साथ मनाया जाता है छठ महापर्व पूरे 4 दिनों तक मनाया जाता है इस दौरान महिलाएं पूरे 36 घंटे का निर्जला रखती हैं नियुक्ति होती है। यही कारण है कि छठ व्रत को सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है।
पंचांग के अनुसार छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस बार इस पर्व की शुरुआत 17 नवंबर को होगी और समापन 20 नवंबर को होगा। ऐसे में अगर आप पहली बार छठ पूजा कर रहे हैं तो कुछ वास्तु के बारे में जान लेना जरूरी है तो आज हम आपको अपने इस लेख के जरिए छठ पूजा के नियमों से रूबरू करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
छठ पूजा से जुड़े नियम— छठ पूजा में भगवान श्री सूर्यदेव और छठी मैया की विशेष पूजा का विधान है इस पर्व की चार दिनों तक शुरुआत नहाय खाय से होती है और समापन सूर्य को सुबह जल देकर होता है। ऐसे में अगर आप पहली बार छठ पूजा कर रही हैं तो इस दौरान कोई भी ऐसी गलती ना करें जिससे छठी मैया नाराज हो जाएं।
व्रत के दौरान व्रतियों को क्रोध करने से बचना चाहिए इस दौरान अपशब्द को भी ऐसा नहीं कहना चाहिए माना जाता है कि ऐसा करने से माता नाराज हो जाती है और व्रत पूजा का फल भी नहीं मिलता है छठ पूजा में लगने वाली सभी आवश्यक सामग्री अवश्य शामिल करें बिना किसी पूजा के भी इस दौरान साफ-सफाई और पवित्रता का भी ध्यान रखना चाहिए।