Israel-Hamas War : इजरायल और हमास (Israel Hamas War) की जंग का आज 25वां दिन है। दोनों देश एक दूसरे के ऊपर जमकर बम और गोले बरसा रहें है। इस बीच विश्व बैंक (World Bank) ने चेतावनी जारी की है कि मध्य पूर्व में लड़े जा रहे इस युद्ध के कारण पुरे देश में महंगाई बढ़ सकती है।
विश्व बैंक ने कहा है कि मध्य पूर्व में युद्ध लंबा खिंचता है तो इसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ेगा। अनुमान है कि इससे क्रूड का भाव 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर सकता है। इस क्षेत्र में युद्ध की वजह से ऊर्जा और खाद्य उत्पादों की कीमतों में असामान्य उछाल आ सकता है।
इससे पहले रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से पूरी दुनिया इस मुसीबत को झेल चुकी है और अभी सालभर भी नहीं बीता कि एक और युद्ध की लपटें उठनी शुरू हो गई हैं।
अभी कहां चल रही कीमत
ग्लोबल मार्केट में अभी क्रूड का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है और इसमें आगे और गिरावट के कयास लगाए जा रहे। इस बीच विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि ये कयास बहुत जल्द और तेजी से बदल सकते हैं. विश्व बैंक ने कहा है युद्ध के हालात बदतर होते जाएंगे तो एक बार फिर 1970 जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जब क्रूड के भाव 140 से 157 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए थे। तब साल 1973 में तेल उत्पादक अरब देशों ने इजरायल की मदद करने वाले अमेरिका व अन्य पश्चिमी देशों को तेल का निर्यात बंद कर दिया था।
तेल और गैस दोनों पर असर
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल का कहना है कि 1970 के बाद मध्य पूर्व क्षेत्र में कमोडिटी मार्केट के लिए यह सबसे बड़ा झटका होगा। इसका असर पूरी ग्लोबल इकनॉमी पर होगा। पॉलिसी मेकर्स को इस सिचुएशन पर करीबी निगाह रखनी चाहिए, क्योंकि इसका असर तेल और गैस दोनों पर दिखेगा. यूरोप में गैस की कीमतें पहले ही बढ़ चुकी हैं, क्योंकि गाजा के करीब पाइपलाइन को नुकसान की आशंका बढ़ गई है।
विश्व बैंक क्यों इतना चिंतित
विश्व बैंक के डिप्टी चीफ इकनॉमिस्ट अयान कोस का कहा है कि खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ने से करीब 70 करोड़ लोगों को भुखमरी का शिकार होना पड़ सकता है. मध्य पूर्व में पनप रहे मौजूदा हालात दुनियाभर में खाद्य असुरक्षा का कारण बन सकते हैं।