Akhand Jyoti in Navratri : आखिर क्यों नवरात्रि में जलाते है अखंड ज्योति, जानिए इसके पीछे का महत्व

Akhand Jyoti in Navratri : कल यानि 15 अक्‍टूबर 2023 से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही हैं। नवरात्रि के पहले दिन घटस्‍थापना की जाती है और 9 दिन के लिए अखंड ज्‍योति जलाई जाती है। नव इन 9 दिनों में मातारानी के 9 रूपों की पूजा की जाती है. इस साल 15 अक्‍टूबर से शुरू हो रही शरद नवरात्रि 23 अक्‍टूबर को समाप्‍त होंगी और 24 अक्‍टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इसी दिन दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। इस साल नवरात्रि में मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो कि बहुत शुभ है। आइए जानते हैं नवरात्रि में मां दुर्गा के सामने अखंड ज्योति क्‍यों प्रज्जवलित की जाती है।

अखंड ज्योति जलाने का महत्व

Navratri 2021: नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का है खास महत्‍व, जानें इसके नियम - navratri 2021 these are the rules to light akhand jyoti in navratri pra – News18 हिंदी

नवरात्रि में अखंड ज्‍योति जलाने का विशेष महत्‍व है। अखंड ज्‍योति से मतलब है कि लगातार दीपक जलाए रखना और उसे बुझने ना देना। नवरात्रि में 9 दिन तक लगातार 24 घंटे मातारानी के सामने दीपक प्रज्‍वलित रखा जाता है। मानयता है कि अखंड ज्योति जलाने से घर में खुशहाली आती है और माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मातारानी प्रसन्‍न होकर सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। दीपक को बुझने से रोकने के लिए उसमें तेल या घी खत्‍म नहीं हो, इसकी ध्‍यान रखना पड़ता है। साथ ही दीपक हवा से ना बुझे इसके लिए चारों ओर कांच की घेरन रखी जाती है।

अखंड ज्योति जलाने के नियम

  1. यदि नवरात्रि में अखंड ज्‍योति जला रहे हैं तो कुछ नियमों का ध्‍यान रखना बहुत जरूरी होता है. वरना इस मामले में की गई मां दुर्गा को नाराज कर सकती है.
  2. नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित का पहला नियम यह है कि घर में किसी ना किसी का रहना जरूरी है, ताकि अखंड ज्‍योति का ध्‍यान रखा जाए. अखंड ज्‍योति जला रहे हैं तो घर को खाली नहीं छोड़ें.
  3. अखंड ज्‍योति को सीधे जमीन पर ना रखें बल्कि उसे रखने के लिए कलश या फिर चौकी का प्रयोग करें.
  4. अगर चौकी पर अखंड ज्योति का दीपक रख रहे हैं तो उस पर लाल कपड़ा बिछाएं. वहीं कलश के ऊपर ज्योति प्रज्जवलित कर रहे हैं तो उसके नीचे गेहूं रखें.
  5. अखंड ज्‍योति के दीपक में बत्‍ती की जगह लाल कलावे का उपयोग करें.
  6. यदि घी की अखंड ज्योति है तो उसे मां दुर्गा के दाईं ओर रखना चाहिए. वहीं दीपक में सरसों का तेल डाला गया है तो उसे बाईं ओर रखना चाहिए.
  7. अखंड ज्‍योति हवा से बुझे नहीं इसके लिए उसके चारों ओर कांच की घेरन रखें, साथ ही दीपक में घी-तेल खत्‍म ना होने दें.
  8. अखंड ज्योति प्रज्जवलित करने से पहले भगवान गणेश, मां दुर्गा की आराधना करें और मां दुर्गा मंत्र ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’ का जाप करें.
( Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। swarmayitimes इसकी पुष्टि नहीं करता है। )

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