Election Update : दंतेवाड़ा के भाजपा विधायक रह चुके दिवंगत भीमा मंडावी की बेटी का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. जिसमें दीपा मंडावी ने भाजपा के टिकिट वितरण पर सवाल खड़े करते हुए कह रही हैं कि मेरे पापा के बलिदान की कोई कीमत नहीं रही. उनके बलिदान को भाजपा के पदाधिकारियों ने क्यों नजर अंदाज कर दिया? आखिर कहा कमी रह गई. बता दें कि विधायक भीमा मंडावी लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली विस्फोट में मारे गए थे।
भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची जारी होते ही बगावत-विरोध शुरू
भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची जारी होते ही बगावत-विरोध शुरू हो गया है। धरसीवां, जगदलपुर, रायपुर उत्तर समेत कई क्षेत्रों में असंतुष्ट दावेदारों ने नाराजगी जताई है। दंतेवाड़ा से चैतराम अटामी को भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दे दी है। इस बीच, नक्सली हमले में मारे गए बीजेपी नेता व विधायक रहे भीमा मंडावी की बेटी दीपा मंडावी पार्टी के खिलाफ मुखर हो गई हैं। बेटी दीपा ने एक वीडियो जारी कर अपनी मां की टिकट नहीं मिलने से नाराजगी जताई है।
बम धमाके में हुई थी मौत
बता दें कि 2018 में बस्तर के 12 सीटों में 1 सीट ही भाजपा जीत पाई, जहां से भीमा मंडावी विधायक बने थे। चुनाव जीतने के बाद वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार करते हुए हुए भीमा नक्सलियों के निशाने पर आ गए थे और एक बम धमाके में मौत हो गई थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने भीमा की पत्नी ओजस्वी को प्रत्याशी बनाया था और कांग्रेस ने देवती कर्मा को टिकट दिया था। इस चुनाव में ओजस्वी की हार हो गई थी। लेकिन पिछले सारे चुनाव से ज्यादा वोट ओजस्वी ने लिए थे ।