Swarmayi Special : बचपन से हम सभी को सिखाया जाता हैं की स्कूल में हो तो नीले और काले पेन और नर्सरी की कक्षाओं में पेन्सिल का इस्तेमाल करना चाहिए | और वहीं बड़े अधिकारी, कर्मचारी या अफसर ग्रीन पेन का उपयोग करते है | पर आप सभी के मन में कभी न कभी ये सवाल जरूर उठा होगा की बड़े छोटे होने और कक्षाओं के अनुसार पेन के कलर क्यों चेंज करते है | कलम के रंग काफी मायने रखते हैं. क्या आपने कभी किसी को हरे पेन से लिखते या हस्ताक्षर करते देखा है?
रिपोर्ट्स के अनुसार राजपत्रित अधिकारी या गजेटेड अफसर हरे कलम का प्रयोग करते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर किसी ने इससे जुड़ा एक प्रश्न पूछा है. सवाल है- “अधिकारी हरे रंग का पेन क्यों प्रयोग करते हैं?” आपको बता दें कि कोरा एक ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जिसपर आम लोग अपने सवाल पूछते हैं और आम लोग ही उसके जवाब देते हैं. ऐसे में ये जरूरी नहीं होता है कि उनके जवाब पूर्ण रूप से सही ही हों.
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क्षितिज राज के अनुसार
इस सवाल पर भी कई लोगों ने उत्तर दिए हैं – क्षितिज राज नाम के एक यूजर ने लिखा- “सभी स्तर के अधिकारीयों को हरे रंग की स्याही का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. हरे रंग की स्याही वाले पेन का इस्तेमाल सिर्फ राजपत्रित अधिकारी ही करते हैं. हरे रंग की स्याही का पेन उपयोग करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि किसी के द्वारा ऑफिस में उनके हस्ताक्षर की नकल करना थोड़ा मुश्किल होता है
हालांकि यह कोई ठोस कारण नहीं है क्योंकि नकली हस्ताक्षर हरे रंग की स्याही से भी बनाए जा सकते हैं. दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि हरी रंग की स्याही से किया गया हस्ताक्षर देख कर लग जाता है कि इसे जरूर किसी राजपत्रित अधिकारी ने ही किया होगा. तीसरा कारण राजपत्रित अधिकारी अपने आपको सबसे अलग दिखाने के लिए भी ऐसा करते हैं.”
भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व कर्मी मधुकर के अनुसार
भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व कर्मी मधुकर पारे ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने लिखा- “प्रोटोकॉल के तहत होता होगा. शायद अधिकारी का दर्जा प्रदर्शित करने के लिये होता होगा. स्टेट बैंक में सहायक महाप्रबंधक और निरीक्षक हरी इंक का प्रयोग करते हैं. अन्य स्तर के अधिकारियों के लिये भी इस्तेमाल की जाने वाली स्याही का रंग नियत है. इन रंगों की स्याही के पेन का उपयोग अन्य स्तर के कर्मचारियों/अधिकारियों को अनुमत नहीं है. यद्यपि यह व्यवस्था बैंक के अंदर के लिये है. लेकिन कुछ अधकचरे ज्ञान वाले अधिकारी बाहरवालों को भी रोकने का असफल प्रयास करते थे.|