Laptop Import Ban : भारत सरकार, चीन से आयात कम करने की तैयार में नजर आ रही है। सरकार ने एपल, डेल और एचपी जैसी आईटी हार्डवेयर कंपनियों के लिए अपने नए इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम को पेश किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एक नवंबर से इन कंपनियों को अपने आयातित इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, जैसे लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर, के बारे में रजिस्ट्रेशन और अन्य जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
Laptop Import Ban: रिपोर्ट के अनुसार, नए इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत कंपनियों को आयात किए गए सभी प्रोडक्ट का रजिस्ट्रेशन और संबंधित जानकारी उपलब्ध करानी होगी। इसमें उन देशों के बारे में जानकारी शामिल हैं जहां से वे इन उत्पादों को आयात करते हैं और इसमें उनकी घरेलू बिक्री के आंकड़े भी शामिल हैं। रिपोर्ट बताती है कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने हाल ही में इन आयातों पर नजर रखने के लिए डिजाइन किए गए नए पोर्टल को दिखाने के लिए उद्योग प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की।
Laptop Import Ban
सरकारी पोर्टल पर देनी होगी जानकारी
Laptop Import Ban: पोर्टल पर कंपनियों को लैपटॉप और कंप्यूटर आयात की मात्रा, स्थानीय बिक्री मूल्य और आयात सोर्स के बारे में डाटा देना होगा और उन्हें रजिस्टर करना होगा। बता दें कि पहले, सरकार ने इन आयातों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं को लागू किया था, लेकिन उद्योग के विरोध के कारण इसे 31 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। लेकिन एक नवंबर से कंपनियों को अपने आयातित इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, जैसे लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर, के बारे में रजिस्ट्रेशन और अन्य जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
कोटा सिस्टम
Laptop Import Ban: सरकार चीनी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कंपनियों के लिए “विश्वसनीय सोर्स” से सामान लेना अनिवार्य बनाने की योजना बना रही है। कोटा सिस्टम, जिस पर पहले विचार किया गया था, घरेलू उत्पादन और आयात से जुड़े क्रेडिट फॉर्मूले के आधार पर धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। हालांकि अधिकारी ‘लाइसेंसिंग’ शब्द से बच रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकार का लक्ष्य आयात निर्भरता को कम करना है, खासकर चीन से। इसके लिए आईटी हार्डवेयर प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के माध्यम से लोकर प्रोडक्शन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।