Engineer Day 2023 : कौन थे भारत के पहले इंजीनियर, जिनकी जयंती पर मनाया जाता है ‘Engineers Day’…

Engineer Day 2023 : 15 सितंबर को हर साल इंजीनियर्स डे (National Engineers Day 2023 ) मनाया जाता है। साल 1860 में इसी दिन देश के महान इंजीनियर और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (M Visvesvaraya) का जन्‍म हुआ था। वे भारत के पहले इंजीनियर माने जाते हैं। उनकी मेहनत और इंजीनियरिंग के दम पर ही आज भारत विश्व में इंजीनियरिंग का हब है। इस दिन हम देश के पहले इंजीनियर के योगदान को याद करते हैं। इस साल देश एम विश्वेश्वरैया की 163 वीं जयंती मना रहा है।
भारत के पहले इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया

M. Visvesvaraya - Wikipedia

 

Engineer Day 2023 : एम विश्वेश्वरैया का जन्म आज से 162 साल पहले कर्नाटक के मुद्दनहल्ली गांव में 15 सितंबर, 1861 को हुआ था। तेलुगू फैमिली में जन्मे विश्वेश्वरैया के पिता श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेद क्टर थे। विश्वेश्वरैया की शुरुआती शिक्षा गांव से ही पूरी हुई। इसके बाद बीए की पढ़ाई के लिए वे मद्रास विश्वविद्यालय चले आए और यहीं से उन्होंने करियर में बदलाव करते हुए पुणे में कॉलेज ऑफ साइंस में सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और देश के पहले इंजीनियर के तौर पर पहचान बनाई।
एम विश्वेश्वरैया का योगदान

World Engineer's Day 2022: Interesting facts about Bharat Ratna M Visvesvaraya | Mint

Engineer Day 2023 : 1883 की बात है जब सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री कंप्लीट करने के बाद विश्वेश्वरैया सहायक इंजीनियर की नौकरी करने लगे। वे 1912 से 1918 तक मैसूर के 19वें दीवान भी रहें। मैसूर में उन्होंने जो काम किया, उसके लिए आज आज भी उन्हें मॉर्डन मैसूर का फादर कहा जाता है। विश्वेश्वरैया ने उस वक्त मैसूर सरकार के साथ मिलकर वहां के विकास में काफी योगदान दिया। कई फैक्ट्रियां और शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में अपना अहम योगदान दिया। मांड्या जिले का कृष्णराज सागर बांध के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान विश्वेश्वरैया का ही रहा था। आज उन्हें देश सर एमवी के नाम से भी जानता है।
एम विश्वेश्वरैया की महत्वूर्ण उपलब्धियां

Opinion | An unsentimental man of action | Mint Lounge

  • बांधों में पानी के बहाव को रोकने के लिए ब्लॉक सिस्टम के संस्थापक।
  • पहली बार पुणे में खडकवासला जलाशय में ब्लॉक सिस्टम की स्थापना।
  • हैदराबाद को बाढ़ से बचाने मुसी नदी के लिए बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की।
  • महान कृष्ण राजा सागर बांध के आर्किटेक्ट भी एम विश्वेश्वरैया ही थे।
  • 1909 में मैसूर राज्य के मुख्य इंजीनियर थे और 1912 में मैसूर रियासत के दीवान बने।
  • मैसूर में कई नई रेलवे लाइनों को चालू करने में उनका अहम योगदान रहा।
  • तिरुमाला और तिरुपति के बीच सड़क निर्माण की योजना उन्हीं का प्लान है।
एम विश्वेश्वरैया का सम्मान

M. Visvesvaraya "continues to be a source of inspiration", Jairam Ramesh - The Hindu Centre

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए एम विश्वेश्वरैया को ‘भारत में आर्थिक योजना के अग्रदूत’ (Precursor of Economic Planning in India) भी कहा जाता है। उन्होंने किताबें भी लिखीं, जिसमें ‘रिकंस्ट्रक्टिंग इंडिया’ और ‘प्लांड इकोनॉमी ऑफ इंडिया’ काफी मशहूर हैं। साल 1955 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। 1962 में 102 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था।

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