नई दिल्ली, 4 जुलाई 2023 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वर्चुअल शिखर सम्मेलन (SCO Summit 2023) को समंबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद क्षेत्रीय कार्यों के लिए खतरा बना हुआ है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई जरूरी है। हमें किसी भी अभिव्यक्ति में इसके खिलाफ लड़ाई करनी होगी। कुछ देश इसे क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म के लिए इसे नीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। आतंकवाद के समर्थकों के लिए दोहरे मापदंड नहीं रखने चाहिए। आतंकवाद क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है। इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई आवश्यक है। आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके विरुद्ध मिलकर लड़ाई करनी होगी।
भारत कर रहा एससीओ की मेजबानी
गौरतलब है कि भारत एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। भारत ने इस साल मई में गोवा में दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की थी। एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा गुट है और सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।
कब हुई थी एससीओ की स्थापना?
एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी। भारत और पाकिस्तान 2017 में स्थायी सदस्य बने। भारत को 2005 में एससीओ में एक पर्यवेक्षक बनाया गया था और आम तौर पर समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया था, जो मुख्य रूप से यूरेशियन क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित था।