CG NEWS: 16 जून से शाला प्रवेशोत्सव, सरकार ने जारी किया गाइडलाइन

रायपुर, 13 जून 2023 : छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूल 16 जून से खुलने वाले है। बता दें कि 16 से 15 जुलाई तक स्कूलों का प्रवेशोत्सव होने वाला है। इसके लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इस दौरान बच्चों के प्रवेश के साथ ही स्कूलों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम के संदेश का वाचन होगा।

छत्‍तीसगढ़ सरकार ने जारी की गाइडलाइन

एक माह तक चलने वाले शाला प्रवेश उत्सव के शुरुआती 10 दिनों के लिए जनभागीदारी के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंत्री, विधायक, सांसद समेत जनप्रतिनिधियों द्वारा नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत, बच्चों को मिलने वाले विभिन्न सुविधाओं का वितरण किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा स्कूल के विकास के लिए शपथ और विचार व्यक्त किए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला ने सभी कलेक्टरों और जिला पंचायत सीईओ को निर्देश जारी की है।

इस तरह चलेगा 10 दिन उत्सव

  • पहला दिन: बच्चों का स्वागत, सुविधाओं का वितरण और संदेश वाचन होगा।
  • दूसरा दिन: युवाओं, माताओं, सेवानिवृत्त व्यक्तियों की बैठक, प्रभातफेरी, घर-घर संपर्क कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक का अभ्यास आदि।
  • तीसरा दिन: अप्रवेशी, प्रवेश योग्य बच्चे और अनियमित उपस्थिति वाले बच्चे हैं तो उन्हें शाला में प्रवेश दिलवाते हुए नियमित शाला आने के लिए आवश्यक वातावरण तैयार करना।
  • चौथा दिन: बच्चों को रोजगार के अवसर से परिचित करवाना, आसपास का भ्रमण कराना, ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ नामक पुस्तक बच्चों उपलब्ध कराना।
  • पांचवां दिन: बच्चों को साधारण गणित के सवाल देकर बनाने का अभ्यास करवाया जाएगा।
  • छठवां दिन: खेलगढ़िया के अंतर्गत खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
  • सातवां दिन: स्कूलों में संचालित मुस्कान पुस्तकालय से बच्चों को अपनी इच्छा से पुस्तकें लेकर उन्हें पढ़ने, समझने और जोड़ी में पढ़ी गई पुस्तकों पर आपस में चर्चा करने के अवसर देना।
  • आठवां दिन: आसपास के समुदाय के बड़े-बुजुर्गों को किसी एक स्थल में आमंत्रित कर बच्चों के छोटे-छोटे समूह में कहानी सुनाने का अवसर देना आदि।
  • नौवां दिन: समुदाय में बोले जाने वाली प्रचलित स्थानीय बोली- भाषा में सामग्री तैयार करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं अपनाना। बड़े-बुजुगों द्वारा सुनाई गई कहानियों और प्रचलित कहानियों पर स्थानीय भाषा में कहानी पुस्तकें तैयार कर प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालय में रखवाएं।
  • दसवां दिन: अवकाश के अवसर पर अधिक से अधिक समुदाय के सदस्यों को पहले से आमंत्रित करते हुए कम से कम आधे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया जाना।

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