रायपुर, 3 जून 2023 : पटवारियों की हड़ताल से कई सारे मामले अभी पेंडिंग में हैं। जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पढ़ रहा हैं। आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में 1.40 लाख से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं। अकेले रायपुर जिले में सर्वाधिक आठ हजार से ज्यादा मामले अटके हुए हैं।
जानकारी के अनुसार इस हड़ताल की वजह से 30 से 40 प्रतिशत मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है या फिर उनकी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। पटवारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि संघ वाले ही मिलने नहीं आ रहे हैं।
15 मई से हड़ताल पर है पटवारी
बता दें कि पटवारी 15 मई से हड़ताल पर हैं। अभी कालेजों और स्कूलों में प्रवेश से लेकर विभिन्न भर्तियां की जा रही हैं। इनसे जुड़े जरूरी कागजात बनवाने के साथ ही लोग अन्य कई प्रकार के काम के सिलसिले में तहसील से लेकर पटवारी कार्यालयों तक की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन पटवारियों की हड़ताल के चलते उनका काम नहीं हो पा रहा है। इससे ज्यादातर लोग परेशान हैं।
21 जिलों में तीन हजार से ज्यादा मामले लंबित
राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार लंबित मामलों में सबसे आगे रायपुर है, जबकि 21 जिलों में तीन हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। वहीं अन्य जिलों में लंबित प्रकरणों की संख्या तीन हजार से कम है। दो जिले ही ऐसे हैं, जहां हजार से भी कम मामले लंबित हैं।
विभिन्न तहसीलों में शिविर भी हो रहे प्रभावित
रायुपर जिले में ही तहसील के राजस्व प्रकरणों के नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, किसान किताब, जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र एवं अन्य राजस्व से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए शिविर आयोजित कराया जा रहा है। इसमें एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों की उपस्थिति जरूरी है, लेकिन इस हड़ताल की वजह से शिविरों का आयोजन भी नहीं हो रहा है।
वैधानिक कार्रवाई की जाएगी
राज्य शासन की ओर से राजस्व पटवारी संघ के लोगों को बातचीत करने के लिए 28 और 29 मई को बुलाया गया था, लेकिन दोनों ही दिन वे नहीं आए। वे काम ही नहीं करना चाहते। अब उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।