रायपुर, 30 मई 2023 : सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान अख्तर ढेबर और छत्तीसगढ़ के आबकारी अधिकारी निरंजन दास ने ED की कार्रवाई वाली याचिका वापस ले ली है। ऐसी जानकारी है कि यह याचिका कुछ तकनीकी त्रुटियों के कारण ली गई है। साथ ही इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की हैं। कोर्ट ने कहा कि PMLA एक्ट के प्रावधानों को सही ठहराया जा चुका है। फिर भी आरोपी गिरफ्तारी से राहत के लिए उन्हें चुनौती दे रहे हैं। यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। बता दें कि इससे पहले इस मामले की सुनवाई माननीय तीन जजों की बेंच में की गई थी। मगर सुप्रीम कोर्ट में आज छत्तीसगढ़ में शराब अनियमितताओं से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की।
#SupremeCourt hears plea of Akhtar Dhebar (accused in Chattisgarh Liquor Scam case) challenging provisions of PMLA.
Dr Singhvi: We have instructions to withdraw. I am withdrawing the main writ.
ASG: But there should be an observation that he cannot come back.#SupremeCourt pic.twitter.com/gOlSojvNk8
— Live Law (@LiveLawIndia) May 30, 2023
गौरतलब है कि ईडी ने शराब में राज्य में 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग का दावा किया है। इसमें हाल ही में कांग्रेस के नेता और रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने दावा किया है कि राज्य में 2019 से 2022 तक 2 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें राज्य के बड़े नेताओं और अधिकारियों का समर्थन था।
बता दें कि कच्ची शराब सरकारी शराब दुकान बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप अनवर ढेबर पर लगाया गया है। त्रिलोक सिंह ढिल्लों पर आरोप लगे है कि उसने अपने स्वेच्छा से और जानबूझकर अपने बैंक खातों और फर्मों को बड़ी मात्रा में घोटाले पैसे के लिए उपयोग करने की अनुमति दी है। इस मामले में प्रमुख लाभार्थी है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल उनके फर्मों के नाम पर 27.5 करोड़ रुपए की एफडी फ्रिज कर दी है और 52 लाख रुपए नगदी भी जब्त की है।