रायपुर,29 मई 2023 : 23 से 26 जून 2023 तक जापान के कोची शहर में अंडर-18 अंतरराष्ट्रीय साफ्ट बाल एशिया कप का आयोजन किया जाएगा। इस स्पर्धा में भारत के टीम में छत्तीसगढ़ से चार खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। चार में से तीन खिलाड़ी बीजापुर जिले से हैं। बीजापुर के राकेश, सुशील और त्रिलेश के एशिया कप में चयन होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खेल मंत्री उमेश पटेल ने बधाई और शुभकामनाएं दी है। राकेश कड़ती मूलरूप से बीजापुर के सुदूर इलाके आवापल्ली के रहने वाले हैं, इसके साथ ही सुशील कुड़ियम पिंडुमपाल भैरमगढ़ के अंदरूनी इलाके से हैं। त्रिलेश उद्दे मंगापेटा कुटरू के रहने वाले हैं।
सीआरपीएफ के जवानों ने किया था राकेश कड़ती रेस्क्यू :
साफ्ट बाल खिलाड़ी राकेश कड़ती के पिता को बचपन में नक्सलियों ने मार दिया गया था। मां का देहांत भी जल्द हो गया था। चार वर्ष की उम्र में सीआरपीएफ के जवानों ने बीजापुर में संचालित (टुमारो फाउंडेशन) बाल गृह के सुपुर्द कर दिया था। जहां उन्होने रहकर पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल में अपनी प्रतिभा को निखारा। राकेश कड़ती ने बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी में साफ्ट बाल में बेहतर प्रदर्शन करते हुए अब तक आठ नेशनल गेम खेल चुके हैं, जिसमें पांच अलग-अलग मेडल हासिल की है। राकेश कक्षा 9वीं में शासकीय विद्यालय बीजापुर में पढ़ाई कर रहा है और वह पढ़-लिखकर साफ्ट बाल का कोच बनना चाहता है।
युवाओ को खेल में आगे बढ़ने के लिए सुशील कर रहे प्रेरित :
सुशील कुड़ियम ने भी पांच नेशनल गेम खेले हैं, जो भैरमगढ़ के अंदरूनी क्षेत्र से हैं। पिता के न होने पर भी मां ने हिम्मत नहीं हारी, बच्चे को पालन-पोषण करती रही आज बेटा का जिले और प्रदेश में नाम ऊंचा उठता देख मां भी खुश है। सुशील का सपना है कि वह अच्छा प्रशिक्षण लेकर न केवल जिले, प्रदेश बल्कि देश के लिए वह खेलने जा रहा है। त्रिलेश साफ्ट बाल खेल का सीनियर खिलाड़ी है और अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा में वनरक्षक के पद पर पदस्थ है। त्रिलेश बीजापुर के अंदरूनी इलाकों में जाकर बच्चों को बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी के संबंध में बताते और साथ ही उन्हे खेल के आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।