RESERVATION : आरक्षण को लेकर भड़की राजनीतिक आग , मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा ने किया पलटवार..

प्रदेश में आरक्षण की राजनीतिक आग भड़क उठी है | हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरी और परीक्षा के लिए 58 प्रतिशत के आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है और केवल 50 प्रतिशत आरक्षण रखने की अनुमति है | ऐसे में राज्य की वर्ग वार आरक्षण में बड़ी उलझन की स्थिति आ गई है | बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं | इधर आरक्षण रद्द होने के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज पूरे प्रदेश में महाबंद और आर्थिक नाकेबंदी कर निर्णय का विरोध जताएंगे । वहीं 8 अक्टूबर को विधायकों से मुलाकात कर 10 अक्टूबर को महाबंद का आयोजन होगा । अगर स्थिति यथावत रही तो आदिवासी समाज नवंबर में आर्थिक नाकेबंदी करेगा ।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार के 30 प्रतिशत विधायक आदिवासी हैं । लेकिन इसके बाजवूद हमारे साथ नाइंसाफी की जा रहा है । सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ की पूर्वर्ती और वर्तमान की सरकार के खिलाफ है । आदिवासी समाज के मांग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बीते दिनों सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई थी । सभी को भरोसा दिलाया गया था । किसी का हक नहीं काटा जाएगा । सभी के हक की लड़ाई एक साथ लड़ेंगे । मुख्यमंत्री के बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि निश्चित ही चर्चा करनी चहिए । जहां अधिकारों का हनन होता है वहां पर दर्शन करना चाहिए । सरकार को जहां-जहां अपने पक्ष रखना चाहिए नीचे रूप से वहां कमी की गई है ।

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